जयशंकर ने सवाल किया कि जो की हालात आज भारत की हैं, वो किसी और देश के साथ हो तो उनका क्या रुख होता है . वह बोले कि दूतावास पर स्मोक बम फेंका दिया गया है , राजनयिकों पर हमला हुआ, अगर आपके साथ ऐसा होता तो क्या होता आपका ?
भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर आजकल अमेरिका के दौरे पर हैं. वह जब से भारत के विदेश मंत्री बने हैं, एक बड़े वर्ग में मानना है कि भारत की विदेशी कूटनीति और राजनय की भाषा भी बदल गयी है. उन्होंने जोर देते हुए कहा कि भारत में अल्पसंख्यकों की स्थिति पर भी भेदभाव की चिंताओं को खारिज कर दिया है .उन्होंने कहा कि दुनिया में पहले किसी ने ऐसा नहीं किया. भारत में सभी सरकारी योजनाओं को लाभों को हरेक तक पहुंचाया गया है. जयशंकर ने कहा कि उदाहरण के लिए आवास, स्वास्थ्य, खाद्य और आर्थिक मामलों को देखिए, भारत में तो स्वास्थ्य सुविधाओं तक सबकी पहुंच गए है. उन्होंने सवाल पूछने वालों को कहा कि ही चुनौती देते हैं कि भारत में भेदभाव को दिखाएं. जयशंकर ने भारत की डिजिटल सेवाओं की भी चर्चा की और कहा कि भारत जितना अधिक डिजिटल हो गए हैं, शासन उतना ही अच्छा हो गया है. इसकी वजह से निष्पक्षता अधिक बढ़ गयी है.
भारत-कनाडा मतभेद पर जयशंकर की सीख
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भारत और कनाडा के बीच विवादों को लेकर भी बड़ी बात कही है . उन्होंने कठोर शब्दों में अमेरिका को नसीहत दी कि वह आतंकवाद के मसले पर दोहरी नीति ठीक बात नहीं कर रहे है. जयशंकर ने कहा, ‘की सबसे जरूरी बात यह है कि कनाडा में हमारे राजनयिक मिशन और हमारे दूतावास कर्मियों को भी इस हद तक लगातार धमकाया गया है कि आज उनके लिए वहां काम करना सुरक्षित नहीं है. लेकिन उन्होंने हमारे लिए उन सेवाओं का संचालन करना बहुत मुश्किल बना दिया है.जबकि जयशंकर ने यह भी कहा कि भारत और कनाडा की सरकार को एक-दूसरे से बात करनी होगी और यह भी देखना होगा कि वे खालिस्तानी अलगाववादी हरदीप सिंह नज्जर की मौत को लेकर मतभेद देता है कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो का नाम लिए बगैर उन पर निशाना साधते हुए जयशंकर ने यह भी कहा कि आतंकवाद और चरमपंथ को भी हल करना होगा.