संयुक्त राष्ट्र यानि UN में कोई भी मामला हो, पाकिस्तान उसमें चर्चा के बहाने कश्मीर का राग नहीं छेड़े ऐसा हो ही नहीं सकता। भले ही इसके बदले भारत की तरफ से उसे जमकर लताड़ लगाई जाए, लेकिन इस मामले में पाकिस्तान सुधरने का नाम तक नहीं लेता।
पाक ने कश्मीर को बताया फलस्तीन जैसा विवाद-
इजरायल-फलस्तीन विवाद के बाद संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक में पाकिस्तान के प्रतिनिधि ने ना सिर्फ कश्मीर और फलस्तीन को एक जैसा विवाद बताया बल्कि परोक्ष तौर पर आतंकवाद का समर्थन भी किया। भारत ने इस बयान को उतनी ही एहमियत दी जितनी इसे देनी चाहिए लेकिन साथ ही भारत ने इस वैश्विक मंच से पाकिस्तान की इस टिप्पणी को अपमानजनक करार दिया।
आजादी के लिए लड़ना आतंकवाद नहीं-
यह उल्लेखनीय तथ्य है कि इस चर्चा में दुनिया के तमाम देशों ने किसी भी वजह से आतंकवाद की निंदा की, लेकिन पाकिस्तान ने ऐसा नहीं किया। यूएन में पाकिस्तान के स्थाई प्रतिनिधि मुनीर अकरम ने कहा कि हमारा देश हर तरह के आतंकवाद की आलोचना करता है, लेकिन अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत विदेशी अधिकार में रहने वाले लोगों को अपनी आजादी व स्वनिर्णय के लिए लड़ने का अधिकार प्राप्त है और इसे आतंकवाद नहीं माना जाना चाहिए। ये कहने की जरूरत नहीं कि पाकिस्तान फलस्तीन व कश्मीर के बीच एक समानता कायम करने की कोशिश की है।
भारत ने की पाकिस्तान की आलोचना-
इसके जवाब में भारतीय प्रतिनिधि राजदूत आर रवींद्र ने कहा कि इस तरह का बयान अपमानजनक है और इस पर कोई टिप्पणी नहीं की जानी चाहिए। राजदूत रवींद्र ने कहा कि वह इस तरह के बयानों पर टिप्पणी करके इसको अहमियत नहीं देना चाहते।