गले मिले, हाथ पकड़कर कुर्सी पर बिठाया, पीएम मोदी ने लिया जगद्गुरु रामभद्राचार्य से आशीर्वाद; और बताया इन्हे…

पीएम नरेन्द्र मोदी ने आज भगवान श्रीराम की तपोभूमि चित्रकूट में तुलसी पीठ के जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य से भेंट की। इस दौरान जगद्गुरु काफी भावुक दिखाई दिए। उन्होंने मिलते ही पीएम को गले से लगाया। इसके बाद पीएम उन्हें उनके आसन तक ले गए।

पीएम नरेन्द्र मोदी आज भगवान श्रीराम की तपोभूमि चित्रकूट के दौरे पर हैं। यहां उन्होंने तुलसी पीठ के जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य से मुलाकात की|

भावुक दिखाई दिए जगद्गुरु रामभद्राचार्य-

पीएम मोदी से मुलाकात के दौरान जगद्गुरु रामभद्राचार्य काफी भावुक दिखाई दिए। उन्होंने मिलते ही पीएम को गले से लगाया। इसके बाद पीएम उन्हें उनके आसन तक ले गए और उन्हें बैठने में सहायता की।

कांच मंदिर में पीएम मोदी ने की पूजा अर्चना-

पीएम मोदी ने तुलसी पीठ में कांच मंदिर में भी पूजा-अर्चना की। इसके अलावा, वे सद्गुरु सेवा संघ ट्रस्ट की स्थापना करने वाले स्वर्गीय अरविंद भाई मफतलाल के जन्म शताब्दी कार्यक्रम में भी शामिल हुए।

कौन हैं स्वामी रामभद्राचार्य?-

स्वामी रामभद्राचार्य देख नहीं सकते हैं। उनका बचपन का नाम गिरिधर मिश्र था। वे एक विद्वान, शिक्षाविद, बहुभाषाविद्, प्रवचनकार, दार्शनिक और हिंदू धर्मगुरु हैं। वे रामानंद सम्प्रदाय के वर्तमान चार जगद्गुरु रामानंदाचार्यों में से एक हैं। उनका जन्म 14 जनवरी 1950 को उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले में हुआ था।

दो महीने की उम्र में चली गई आंख की रोशनी-

बताया जाता है कि जब जगद्गुरु रामभद्राचार्य केवल दो महीने के थे, तभी उनकी आंख की रोशनी चली गई। वे पढ़ लिख भी नहीं सकते। वे ब्रेल लिपि का प्रयोग भी नहीं करते, इसके आलावा उन्हें 22 भाषाओं का ज्ञान है। उन्हें 2015 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था। उनके पिता का नाम पंडित राजदेव मिश्र और माता का नाम शची देवी मश्र है।

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